हिन्दू धर्म किसी एक व्यक्ति द्वारा प्रवर्तित धर्म नहीं है। इसका एक आधार वेदादि धर्मग्रन्थ हैं, जिनकी संख्या बहुत बड़ी है। ये सब दो भागों में विभक्त हैं-
हिन्दू धर्म किसी एक व्यक्ति द्वारा प्रवर्तित धर्म नहीं है। इसका एक आधार वेदादि धर्मग्रन्थ हैं, जिनकी संख्या बहुत बड़ी है। ये सब दो भागों में विभक्त हैं-(१) इस श्रेणी के ग्रन्थ श्रुति कहलाते हैं। ये अपौरुषेय माने जाते हैं। इसमें वेद की चार संहिताओं, ब्राह्मणों, अरण्यकों, उपनिषदों, वेदाङ्ग, सूत्र आदि ग्रन्थों की गणना की …