राधाष्टमी

 श्री राधाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्रों में इस तिथि को श्री राधाजी का प्राकट्य दिवस माना गया है। श्री राधाजी वृषभानु की यज्ञ भूमि से प्रकट हुई थीं। वेद तथा पुराणादि में जिनका ‘कृष्ण वल्लभा’ कहकर गुणगान …

गरुड़ पुराण का रहस्य क्या है?

गरुड़ पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णु अपने पक्षी गरुड़ राज को इस बारे में बारे में बताते हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार मरणोपरांत व्यक्ति का अगला जन्म किस रूप में होगा, यह उसके द्वारा जीवनकाल में किए कर्मों के आधार पर निश्चित होता है. इस अर्थ यह है कि अगले जन्म का रहस्य आपको इसी …

उपपुराण 

उपपुराण  उपपुराण छोटे या सहायक ग्रंथ हैं: कभी-कभी इन्हें संख्या में अठारह भी कहा जाता है , विहित शीर्षकों के संबंध में और भी कम सहमति है। कुछ को आलोचनात्मक रूप से संपादित किया गया है। उनमें शामिल हैं: सनत-कुमार, नरसिम्हा, बृहन्-नारदीय, शिव-रहस्य, दुर्वासा, कपिला, वामन, भार्गव, वरुण, कालिका, सांबा, नंदी, सूर्य, पराशर, वशिष्ठ, देवी-भागवत, गणेश, मुद्गला और हम्सा।  …

कई ग्रंथों में से सबसे महत्वपूर्ण महापुराण हैं

पुराण की संख्या हमेशा अठारह होती है, जो छह-छह के तीन समूहों में विभाजित हैं। अग्नि पुराण (15,400 श्लोक)भागवत पुराण (18,000 श्लोक)। सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय पुराणों में से एक जिसमें विष्णु के दस अवतारों के बारे में बताया गया है। इसका दसवां और सबसे लंबा सर्ग कृष्ण के कार्यों का वर्णन करता है, उनके …

सबसे बड़ा पुराण कौन सा है?

(१३) स्कन्दपुराण : यह पुराण शिव के पुत्र स्कन्द (कार्तिकेय, सुब्रह्मण्य) के नाम पर है। यह सबसे बडा पुराण है। इसमें कुल ८१,००० श्लोक हैं।

18 पुराणों के नाम कौन कौन से हैं?

18 पुराणों के नाम कौन कौन से हैं?इनके नाम कुछ इस प्रकार हैं: ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण

ग्यारह रुद्रावतार

ग्यारह रुद्रावतारशिव के ग्यारह अवतार- कपाली, पिंगल, भीम,विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शम्भू, चण्ड तथा भव है। इन अवतारों के अतिरिक्त शिव के दुर्वासा, हनुमान, महेश,वृषभ,पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनतर्क, द्विज, अश्वत्थामा, किरात और नतेश्वर आदि अवतारों का उल्लेख भी ‘शिव पुराण’ में हुआ है।

महाभारत की कथा (Mahabharat story):

महाभारत की कथा (Mahabharat story): महाभारत द्वापरयुग में भाइयों के मध्य सम्पत्ति के लिए लड़ा गया युद्ध था। एक ओर धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव थे वहीं दूसरी ओर पांडु और कुंती तथा माद्री से उत्पन्न पाँच पुत्र पांडव थे। कौरवों का पक्ष अधर्म का था एवं पांडवों का पक्ष धर्म का कहा …

षड्दर्शन

षड्दर्शनषड्दर्शन का मतलब है छः समीक्षाएँ। इन्हें षट्-शास्त्र भी कहते हैं। षड्दर्शन उन भारतीय दार्शनिक एवं धार्मिक विचारों के मंथन का परिपक्व परिणाम है जो हजारों वर्षो के चिन्तन से उतरा और हिन्दू (वैदिक) दर्शन के नाम से प्रचलित हुआ। इन्हें ‘आस्तिक दर्शन’ भी कहा जाता है। दर्शन और उनके प्रणेता निम्नलिखित है। (१) न्याय …

18 पुराणों के नाम विष्णुपुराण में इस प्रकार है –

18 पुराणों के नाम विष्णुपुराण में इस प्रकार है – ब्रह्मपुराणपद्मपुराणविष्णुपुराणशिवपुराण – वायु पुराणश्रीमद्भावत महापुराण – देवीभागवत पुराणनारदपुराणमार्कण्डेय पुराणअग्निपुराणभविष्यपुराणब्रह्म वैवर्त पुराणलिंगपुराणवाराह पुराणस्कन्द पुराणवामन पुराणकूर्मपुराणमत्स्यपुराणगरुड़पुराणब्रह्माण्ड पुराण