भरतमुनि -नाट्यशास्त्र

भरतमुनि -नाट्यशास्त्र

भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र नामक ग्रंथ लिखा । इनका समय विवादास्पद है। इन्हें 400 ई॰पू॰ 100 ई॰ सन् के बीच किसी समय का माना जाता है। भरत बड़े प्रतिभाशाली थे। इतना स्पष्ट है कि भरतमुनि नाट्यशास्त्र के गहन जानकार और विद्वान थे । इनके द्वारा रचित ग्रंथ ‘नाट्यशास्त्र’ भारतीय नाट्य और काव्यशास्त्र का आदिग्रन्थ है। इसमें …

ज्योतिर्लिंग कहां-कहां है

ज्योतिर्लिंग कहां-कहां है

12 ज्योतिर्लिंग कहां–कहां है पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देशभर के 12 स्थानों पर जो शिवलिंग मौजूद हैं उनमें ज्योति के रूप में स्वयं भगवान शिव विराजमान हैं इसलिए इन्हें ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. 1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरातगुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित है देश का पहला …

#हनुमान जयंती

हनुमान जयंती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ माना जाता है।हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है।

'शैलपुत्री’ देवी का पहला रूप हिमालय की अधिष्ठात्री प्रकृति

‘शैलपुत्री’ देवी का पहला रूप हिमालय की अधिष्ठात्री प्रकृति

प्रथमं शैलपुत्री ‘शैलपुत्री’ देवी का पहला रूपहिमालय की अधिष्ठात्री प्रकृति नवरात्र चाहे वासन्तिक हो या शारदीय दोनों में प्रकृति परमेश्वरी के नौ रूपों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। दुर्गाकवच के अनुसार देवी के नौ रूप हैं-1.शैलपुत्री,2.ब्रह्मचारिणी, 3.चन्द्रघण्टा, कुष्माण्डा,5. स्कन्दमाता,6.कात्यायनी,7.कालरात्रि, 8.महागौरी व 9.सिद्धिदात्री परावेदविज्ञान paravedvigyan

darshan

भारतीय दर्शन

भारतीय दर्शन में परम सत्ता के साथ साक्षात्कार करने का दूसरा नाम ही दर्शन हैं।  भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य को परम सत्ता का साक्षात् ज्ञान हो सकता है। इस प्रकार साक्षात्कार के लिए भक्ति ज्ञान तथा योग के मार्ग बताए गए हैं। परंतु दार्शनिक ज्ञान को वैज्ञानिक ज्ञान से भिन्न कहा गया है। वैज्ञानिक …

#वसंतपंचमी #सरस्वतीपूजन

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनींवीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥2॥जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र …