मतंग ऋषि का जीवन परिचय – Matang Rishi Biography

मतंग ऋषि का जीवन परिचय – Matang Rishi Biography वैसे ही त्रेतायुगीय शबरी के गुरु मतङ्ग एवं द्वापरयुगीन महाभारत के मतंग दो भिन्न व्यक्ति है, मतंग ऋषि_आप महातपस्वी, योगी,त्यागी, वीतराग एवं सिद्ध महात्मा थे। हजारों वर्षों तक समाधि में रहते थे। इनकी ख्याति सर्वत्र व्याप्त थी। आप परम् अहिंसा व्रत का पालन करते थे।इनके अहिंसा …

ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना

|| सृष्टि रचना [ प्रथम ] || ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना || सृष्टि रचना [ प्रथम ] || अनादि परमात्म तत्त्व ब्रह्म से यह सब कुछ उत्पन्न हुआ | ब्रह्म में स्फुरण हुआ कि ” ऐकोअहम बहु स्याम ” मैं अकेला हूँ , बहुत हो जाऊं | उसकी यह इच्छा ही शक्ति बन …

श्रीसूक्तं

श्रीसूक्तंॐ हिरण्यवर्णा हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् ।चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं जातवेदो मऽआवह।।१।।तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।यस्या हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ।।२।। अश्वपूर्णा रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवीजुषताम् ।।३।।कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामाद्रा ज्वलन्तीं तृप्तांतर्पयन्तीम् ।पद्मस्थितां पद्मवर्णा तामिहो पह्वये श्रियम् ।।४।। चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वल्न्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्।तां पद्मिनींमीं शरण प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।५।।आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तववृक्षोऽथ बिल्वः ।तस्य फ़लानि …

षोडश संस्कार, संस्कार कितने

षोडश संस्कार, संस्कार कितने? गौतम स्मृति शास्त्र में 40 संस्कारों का उल्लेख है। कुछ जगह 48 संस्कार भी बताए गए हैं। महर्षि अंगिरा ने 25 संस्कारों का उल्लेख किया है। वर्तमान में महर्षि वेदव्यास स्मृति शास्त्र के अनुसार, 16 संस्कार प्रचलित हैं, उसके अनुसार  षोडश संस्कारसंस्कारों हि नाम संस्कार्यस्य गुणाधानेन वा स्याद्योषाप नयनेन वा ॥-ब्रह्मसूत्र …

आमलकी एकादशी

आमलकी एकादशी  हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। आमलकी यानी आंवला को शास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है जैसा नदियों में गंगा को प्राप्त है और देवों में भगवान …

घर के समान संस्कृत में ghar ke saman Sanskrit me

(1)ID.— परिचयपत्रम्(2)Data – टंकितांश:(3) Edit – सम्पादनम्(4)Keyboard – कुंचिपटलम्(5) Timeline – समयरेखा(6) Login – प्रवेश:(7)Share – वितरणम्, प्रसारणम्(8) Laptop – अंकसंगणकम्(9) Search – अन्वेषणम्(10)Default – पूर्वनिविष्ठम्(11)Input – निवेश:(12)Output – फलितम्(13)Block – अवरोध:(14)Display – प्रदर्शनम् / विन्यास:(15)Wallpaper – भीत्तिचित्रम्(16)Theme – विषयवस्तु:(17)User – उपभोक्ता(18) Smart phone – कुशलदूरवाणी(19)Tag – चिह्नम्(20)Setup – प्रतिष्ठितम्(21)Install – प्रस्थापना / प्रतिस्थापनम्(22)Privacy – …

पांडव की मां कुंती के नाम पर रखा गया-परिजात वृक्ष

परिजात वृक्ष पांडव की मां कुंती के नाम पर रखा गया, किन्तूर गांव, जिला मुख्यालय बाराबंकी से लगभग 38 किलोमीटर पूर्वी दिशा में है। इस जगह के आसपास प्राचीन मंदिर और उनके अवशेष  हैं। यहां कुंती द्वारा स्थापित मंदिर के पास, एक विशेष पेड़ है जिसे ‘परिजात’ कहा जाता है। इस पेड़ के बारे में कई बातें प्रचलित हैं …

ऋग्वेद का सामान्य परिचय*

#ऋग्वेद का सामान्य परिचय* (१) *ऋग्वेद की शाखा :-* महर्षि #पतञ्जलि के अनुसार ऋग्वेद की २१ #शाखाएँ हैं, किन्तु #पाँच ही शाखाओं के नाम उपलब्ध होते हैं :— (१) #शाकल (२) #बाष्कल (३) #आश्वलायन (४) #शांखायन (५) #माण्डूकायन संप्रति केवल शाकल शाखा ही उपलब्ध है ! ऋग्वेद के #ब्राह्मण (१) #ऐतरेय ब्राह्मण (२) #शांखायन ब्राह्मण …

भक्ति के बारे में कई ग्रन्थ अपने विचार रखते है। और शिवपुराण में भी भक्ति के बारे में बताया है।

शिवपुराणोक्त नवधा भक्ति- भक्ति के बारे में कई ग्रन्थ अपने विचार रखते है। और शिवपुराण में भी भक्ति के बारे में बताया है। शिवपुराणोक्त नवधा भक्ति- शिव उवाच-श्रवणं कीर्तनं चैव स्मरणं सेवनं तथा।दास्यं तथार्चनं देवि वन्दनं ममसर्वदा।।सख्यमात्मार्पणंचेति नवाङ्गानि विदुर्बुधाः।उपाङ्गानिशिवे तस्या बहूनि कथितानि वै।। शिव जी सती से कहते हैं–हे देवि श्रवण, कीर्तन स्मरण सेवन दास्य …

12 ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंग 1- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शिवपुराण के अनुसार जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग होने का श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से …