अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है।
भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। यह केवल भारत देश के कोने-कोने में ही नहीं, अपितु उतने ही उर्जा और उल्लास से दूसरे देशों में भी मनाया जाता जहाँ प्रवासी भारतीय रहते हैं।
आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये।स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये॥
