देवी का पांचवां स्वरूप : ‘स्कन्दमाता’by Upendar DubeyPosted on October 28, 2020Comments are Disabled “सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।”